आपका एंप्लॉयर EPF, EPS और NPS में कितना जमा करता है? इस लिमिट को पार किया तो आपको लग जाएगा Tax
Employer EPF Contribution: एंप्लॉयर भी आपकी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी प्रोविडेंट फंड और Employee Pension Scheme में जमा करता है. इसके अलावा वह NPS अकाउंट में भी जमा कर सकता है. एक लिमिट के बाद एडिशनल अमाउंट पर एंप्लॉयी को टैक्स जमा करना होता है.
Employer EPF Contribution: अगर आप नौकरी करते हैं तो सैलरी का एक हिस्सा प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) में जमा किया जाता है. एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड में आपके भविष्य के लिए निवेश किया जाता है. एंप्लॉयी को अपनी बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस का 12 फीसदी ईपीएफ (Employee Provident Fund) में जमा करना होता है. अमूमन एंप्लॉयर भी इस फंड में 12 फीसदी जमा करता है. इसके अलावा एंप्लॉयर आपके लिए NPS (National Pension Sysytem) में भी जमा कर सकता है. यह टैक्स के लिए लिहाज से महत्वपूर्ण है, हालांकि इसको लेकर अनिवार्यता नहीं है. क्या आपको पता है कि 1 अप्रैल 2020 से EPF, EPS, NPS पर कैप लगा दिया गया है. अगर एंप्लॉयर एक सीमा से अधिक इस फंड में जमा करता है तो एडिशनल अमाउंट पर एंप्लॉयी को टैक्स जमा करना होगा.
1 अप्रैल 2020 से लागू है नियम
Budget 2020 में सरकार ने एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन को लेकर अपर लिमिट का ऐलान किया था. यह नियम 1 अप्रैल 2020 से लागू है. जैसा कि हम जानते हैं, आपकी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी एंप्लॉयर की तरफ से प्रोविडेंट फंड में जमा किया जाता है. हालांकि, यह राशि दो हिस्सों में बंट जाती है. एक हिस्सा एंप्लॉयी के प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) में जमा किया जाता है. दूसरा हिस्सा एंप्लॉयी पेंशन स्कीम (Employee Pension Scheme) में जमा की जाती है.
एंप्लॉयर का 12% कहां-कहां जमा होता है
नियम के मुताबिक, एंप्लॉयर के 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन में केवल 3.67 फीसदी ईपीएफ अकाउंट में जमा किया जाता है. बाकी का 8.33 फीसदी ईपीएस अकाउंट में जमा किया जाता है. यहां एक और नियम को ध्यान में रखना है कि एंप्लॉयर की तरफ से EPS में अधिकत 1250 रुपए ही जमा किए जा सकते हैं. अगर बेसिक सैलरी का 8.33 फीसदी 1250 रुपए से ज्यादा बैठता है तो एडिशनल अमाउंट को एंप्लॉयर पीएफ अकाउंट में ट्रांसफर कर देगा. 1250 रुपए की लिमिट 15000 रुपए की बेसिक सैलरी के आधार पर तय की गई है.
एंप्लॉयर भी NPS में जमा कर सकता है जो टैक्स फ्री होगा
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इसके अलावा एंप्लॉयर आपके लिए NPS में भी जमा कर सकता है. यह टैक्स के लिहाज से महत्वपूर्ण होता है. एंप्लॉयर NPS में जितना जमा करेगा, उसपर सेक्शन 80CCD(2) के तहत डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. इसकी मैक्सिमम लिमिट बेसिक और डियरनेस अलाउंस का 10 फीसदी है. अगर एंप्लॉयी भी NPS अकाउंट में जमा करता है तो उसे सेक्शन 80सी के तहत ही लाभ मिलेगा.
जानिए क्या है इसकी अपर लिमिट
बजट 2020 घोषणा के मुताबिक, एंप्लॉयर की तरफ से NPS, EPF, EPS समेत किसी भी रिटायरमेंट फंड में जो राशि जमा की जाती है उसपर एक वित्त वर्ष में अधिकतम 7.5 लाख तक छूट मिलेगी. अगर आपका एंप्लॉयर इससे ज्यादा जमा करता है तो एडिशनल अमाउंट एंप्लॉयी के हाथों में टैक्सेबल हो जाएगी. एक्सेस कंट्रीब्यूशन पर डिविडेंड और इंटरेस्ट से जो कमाई होगी वह भी एंप्लॉयी के हाथों में टैक्सेबल होगी.
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